केदारनाथ कैसे जाएं? | केदारनाथ यात्रा गाइड | How to reach Kedarnath?, Kedarnath Travel Guide, PURI JANKARI EK HI PAGE ME

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केदारनाथ कैसे जाएं? | केदारनाथ यात्रा गाइड | How to reach Kedarnath?, Kedarnath Travel Guide

 







केदारनाथ यात्रा के लिए, आपको देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचना होगा, और फिर गौरीकुंड के लिए हरिद्वार या ऋषिकेश से बस लेनी होगी। गौरीकुंड से, आपको केदारनाथ मंदिर तक 14 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी, जिसके लिए आप चालक घोड़े, पालकी, या हेलिकॉप्टर सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। अपनी यात्रा की तैयारी ठीक से करें, और आनंद लें।

पहुंच: यात्रा की शुरुआत | Reaching: Starting the Journey





केदारनाथ मंदिर भारतीय उत्तराखंड राज्य में स्थित है, और यह चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है। यह यात्रा करने के लिए कठिनाईयां हो सकती हैं, लेकिन यह आपके धार्मिक अनुभव को अद्वितीय बनाने में मदद करता है। आइए देखते हैं कि केदारनाथ यात्रा कैसे करें।


पहुंच: यात्रा की शुरुआत | Reaching: Starting the Journey

 







उत्तराखंड के देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यहां से, आपको हरिद्वार या ऋषिकेश के लिए टैक्सी या बस लेने की आवश्यकता होगी, जहां से आप गौरीकुंड के लिए बस ले सकते हैं।

कैसे पहुंचें केदारनाथ | How to Reach Kedarnath

माध्यम (Medium)लागत (Cost)समय (Time)दूरी (Distance)विवरण (Details)
हवाई जहाज (Airplane)₹4000-₹80001 घंटा238 किमीदेहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से
टैक्सी (Taxi)₹1500-₹20005-6 घंटे225 किमीहरिद्वार/ऋषिकेश से गौरीकुंड तक
बस (Bus)₹300-₹5007-8 घंटे225 किमीहरिद्वार/ऋषिकेश से गौरीकुंड तक
घोड़े/पालकी/हेलिकॉप्टर₹500-₹80004-15 घंटे14 किमीगौरीकुंड से केदारनाथ तक

आसपास के स्थल | Places Around

स्थल (Place)दूरी (Distance)यात्रा का समय (Travel Time)लागत (Cost)माध्यम / मार्ग (Medium/Route)
गौरीकुंड (Gaurikund)14 किमी3-5 घंटे₹500-₹1000घोड़े/पालकी/हेलिकॉप्टर
त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)25 किमी1-2 घंटे₹500-₹1000टैक्सी/बस
वसुकी ताल (Vasuki Tal)8 किमी4-6 घंटेनिःशुल्कपैदल यात्रा
भैरवनाथ मंदिर (Bhairavnath Temple)1 किमी1-2 घंटेनिःशुल्कपैदल यात्रा


तैयारी | Preparations

 








यात्रा के लिए आपको अच्छी तरह से तैयार होने की आवश्यकता है। सुनिश्चित करें कि आप ठंड से बचने के लिए पर्याप्त कपड़े, दवाएं, और पानी की बोतल ले रहे हैं। 


केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

केदारनाथ मंदिर के निर्माण का सटीक इतिहास अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि महाभारत काल के बाद पांडवों ने इसका निर्माण कराया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने इसे बनवाया था।

केदारनाथ को पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है। अन्य चार केदार कौनसे हैं

पंच केदार में निम्नलिखित मंदिर शामिल हैं: केदारनाथ तुंगनाथ रुद्रनाथ मध्यमहेश्वर कल्पेश्वर

केदारनाथ धाम यात्रा 2024 की शुरुआत

केदारनाथ मंदिर 2024 के खुलने की तारीख तय, धार्मिक महत्व और महत्वपूर्ण जानकारी 2024 की धार्मिक यात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार आया है, जो केदारनाथ मंदिर के खुलने की तारीख के बारे में है। इस साल, केदारनाथ मंदिर 10 मई, 2024 को सुबह 6:20 बजे खुलेगा, और इसका बंद होने का दिन 20 नवंबर, 2024.होगा, जब भाई दूज मनाया जाएगा।

केदारनाथ धाम यात्रा 2024 - महत्वपूर्ण जानकारी



  • कपाट खुलने की तिथि: 10 मई 2024, सुबह 6:20 बजे
  • कपाट बंद होने की तिथि: 20 नवंबर, 2024 (भाई दूज)

केदारनाथ मंदिर चारधाम यात्रा मार्ग का हिस्सा है, और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ तक कि यहाँ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर की त्रिमूर्ति के रूप में पूजा जाता है। यहाँ की सुंदरता, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के कारण यह स्थान दुनियाभर में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

केदारनाथ मंदिर के खुलने के समय, यहाँ भगवान के भक्तों की भीड़ लगती है, जो अपने आत्मिक और धार्मिक उत्साह के साथ इस धार्मिक स्थल का दर्शन करने आते हैं। यह समय भगवान के आशीर्वाद और शांति के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।

इस वर्ष, ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के मंदिर के खुलने की तारीख का इंतजार उन सभी भक्तों के लिए होगा, जो अपने आत्मिक संबल के लिए यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। इस समय केदारनाथ मंदिर में आध्यात्मिक अनुभव को और भी गहराई देने का एक अद्वितीय अवसर प्राप्त होता है।

केदारनाथ धाम 2024 यात्रा की तैयारी

  • शारीरिक स्वस्थता: केदारनाथ यात्रा की सबसे मूलभूत आवश्यकता है अच्छी शारीरिक स्थिति। ऊंचाई, ठंड, और लंबे पैदल मार्ग चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। यात्रा से पहले अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएं।
  • पंजीकरण: उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर यात्रा के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य है।
  • आवश्यक सामान: मौसम के अनुसार गर्म कपड़े, रेनकोट, यात्रा के जूते, दवाइयां, टॉर्च इत्यादि साथ अवश्य रखें।

केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

केदारनाथ मंदिर के निर्माण का सटीक इतिहास अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि महाभारत काल के बाद पांडवों ने इसका निर्माण कराया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने इसे बनवाया था।

केदारनाथ को पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है। अन्य चार केदार कौनसे हैं

पंच केदार में निम्नलिखित मंदिर शामिल हैं:

  • केदारनाथ
  • तुंगनाथ
  • रुद्रनाथ
  • मध्यमहेश्वर
  • कल्पेश्वर

केदारनाथ जाने के लिए कौन सा महीना सुरक्षित है?

केदारनाथ जाने के लिए सुरक्षित अप्रैल से जून का महीना सबसे अच्छा होता है क्योंकि मौसम अच्छा होता है। अधिकतम यात्री इसी समय को ज्यादा अच्छा मानते है। 

केदारनाथ से गंगोत्री कितनी दूर है?

सड़क मार्ग से केदारनाथ और गंगोत्री के बीच की दूरी 408-409 किलोमीटर तक है। जिसको तय करने में 9 घंटे 22 मिनट का समय लगता है, कुछ लोग कहते हैं कि गंगोत्री और केदारनाथ के बीच की दूरी 144 किलोमीटर कम करने के लिए एक नई सड़क बनाई जा रही है। 

गंगोत्री से केदारनाथ की हवाई दूरी 31 किलोमीटर की है। 

 गंगोत्री धाम की यात्रा कैसे करें, सम्पूर्ण जानकारी पढ़ें। 

केदारनाथ की यात्रा का बजट कितना होना चाहिए।



दोस्तों वेसे तो केदारनाथ की यात्रा में आने वाला खर्चा आप पर ही निर्भर करता है, क्योंकि आप जितनी अच्छी सुख सुविधाओं का उपयोग करेंगे तो आपका खर्चा बढ़ता ही रहेगा। औसतन खर्च की बात करें तो केदारनाथ यात्रा का बजट कम से कम प्रति व्यक्ति ₹6,000 रुपये से ₹14,000 रुपये के बीच हो सकता है। या इससे भी ज्यादा हो सकता है। इसमें आने-जाने (ट्रेन, बस या टैक्सी द्वारा) का खर्च, ओर ठहरने और भोजन आदि भी सामिल है।



केदारनाथ के आसपास (Nearby) घूमने लायक जगह | Places to visit around Kedarnath









केदारनाथ, हिमालय की गोद में स्थित एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जो न केवल अपनी आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है बल्कि अपने आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। यहां आपको वो सभी जगहें मिलेंगी, जिनकी सैर करना आपके केदारनाथ यात्रा को और भी संतुष्ट (Satisfied) और यादगार बना देगा।

केदारनाथ के आसपास घूमने लायक मनमोहक जगहें

केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बसा एक अत्यंत पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण, यह जगह आध्यात्मिक साधकों और श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में आकर्षित करती है। केदारनाथ की यात्रा न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाली है, बल्कि आसपास के क्षेत्र की आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का भी एक शानदार अवसर प्रदान करती है।


केदारनाथ के आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थल







गौरीकुंड (Gaurikund)



यात्रा की शुरुआत: केदारनाथ यात्रा का प्रारंभिक बिंदु गौरीकुंड है, जो एक पवित्र स्नान स्थल (Holy Bathing Place) है। यहाँ का पानी सुलभ और चिकित्सीय (Therapeutic) माना जाता है।


सोनप्रयाग (Sonprayag)



नदी का संगम: सोनप्रयाग, मंदाकिनी और बसुकी नदियों के संगम पर स्थित है। यहाँ का प्राकृतिक दृश्य अद्भुत (Magnificent) है और यह स्थान ध्यान और योग के लिए उत्तम माना जाता है।

त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)



ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इसकी अद्भुत वास्तुकला (Architecture) और धार्मिक महत्व आपको आकर्षित करेगी।

वासुकी ताल (Vasuki Tal)



प्राकृतिक सौंदर्य: यह एक खूबसूरत झील है, जो केदारनाथ से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से हिमालय की चोटियों का दृश्य देखना एक अद्वितीय अनुभव (Unique Experience) है।

चोराबारी ताल (Chorabari Tal)



शांत झील: केदारनाथ मंदिर से कुछ किमी दूरी पर स्थित, यह झील अपनी शांति और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसे गांधी सरोवर (Gandhi Sarovar) भी कहा जाता है।

भैरवनाथ मंदिर (Bhairavnath Temple)



केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे एक पहाड़ी पर स्थित, भैरवनाथ मंदिर एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। ऐसा माना जाता है कि भगवान भैरव केदारनाथ क्षेत्र के रक्षक हैं।

कालीमठ (Kalimath)



धार्मिक स्थल: केदारनाथ से कुछ दूरी पर स्थित, कालीमठ मां काली को समर्पित एक प्रमुख शक्तिपीठ है। यहाँ का धार्मिक माहौल आपको आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगा।

देवरिया ताल (Deoria Tal)



ट्रेकिंग और प्राकृतिक दृश्य: ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए यह स्थान एक स्वर्ग है। यहाँ से हिमालय की चोटियों का पैनोरामिक दृश्य (Panoramic View) अद्वितीय है।

चोपता (Chopta)



'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर चोपता हरे-भरे घास के मैदानों, देवदार के जंगलों और बर्फ से ढकी चोटियों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।

ये जगहें केदारनाथ की यात्रा को न केवल आध्यात्मिक बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य की खोज के रूप में भी यादगार बना देती हैं। यहाँ की सैर आपको नई ऊर्जा और शांति प्रदान करेगी।



केदारनाथ मंदिर में कोन से देवता है? | Who are the god in Kedarnath temple?




केदारनाथ मंदिर, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित, हिमालय की गोद में बसा एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह मंदिर हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसे भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इसकी गहराई और आध्यात्मिकता में छिपे कई रहस्य हैं जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।

रहस्य 1: पांच नदियों का संगम और तीन पहाड़

केदारनाथ न केवल तीन प्राचीन पहाड़ों से घिरा है बल्कि यहां पांच पवित्र नदियों का संगम भी होता है। इस विशेषता के कारण, इस स्थल की पवित्रता और भी अधिक मानी जाती है। मंदाकिनी नदी, जो अभी भी मौजूद है, इस संगम का एक मुख्य भाग है और केदारेश्वर धाम के निकट बहती है।

रहस्य 2: विशालकाय संरचना और इंटरलॉकिंग तकनीक

मंदिर की विशालकाय संरचना, जिसमें 6 फुट ऊंचा चबूतरा, 85 फुट ऊंची दीवारें, और 12 फुट मोटी दीवारें शामिल हैं, एक आश्चर्य है। इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर तराशना और इंटरलॉकिंग टेक्निक का उपयोग करना, इसके निर्माण की अद्भुत कला को दर्शाता है।

रहस्य 3: दीपावली महापर्व और अनवरत जलता दीपक

दीपावली के दूसरे दिन शीत ऋतु में मंदिर का द्वार बंद कर दिया जाता है और एक दीपक अनवरत रूप से 6 महीने तक जलता रहता है। यह परंपरा केदारनाथ मंदिर के अद्भुत रहस्यों में से एक है। जब 6 महीने बाद मंदिर के कपाट फिर से खोले जाते हैं, तो दीपक अभी भी जल रहा होता है, जो भक्तों और यात्रियों के लिए आश्चर्य का विषय होता है। इस घटना को भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

ज्योतिर्लिंग को जागृत शिव क्यों कहा जाता है?

केदारनाथ मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग को 'जागृत शिव' कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि यहाँ भगवान शिव स्वयं अपनी दिव्य ज्योति के रूप में निवास करते हैं। इस लिंग में स्वयं शिव की ज्योति विद्यमान होने के कारण, भक्तों का विश्वास है कि यहाँ की पूजा और दर्शन से उन्हें सीधा शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके समस्त पाप धुल जाते हैं।

केदारनाथ मंदिर में कोन से देवता है? | Who are the god in Kedarnath temple?

केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर हिमालय की गोद में बसा हुआ है और इसे शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इसका आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance) अत्यधिक है और हर वर्ष हजारों तीर्थयात्री (Pilgrims) यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।

इतिहास और निर्माण:

केदारनाथ मंदिर के निर्माण का इतिहास अज्ञात है, किन्तु महाभारत काल के बाद पाण्डवों द्वारा इसके निर्माण की मान्यता प्रचलित है। 80 फीट ऊँचे इस मंदिर में वास्तुकला का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलता है। मंदिर में प्रयुक्त पत्थर स्थानीय हैं और मंदिर का स्वरूप चतुष्कोणात्मक है।

मुख्य देवता (Main Deity)

केदारनाथ मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता भगवान शिव (Lord Shiva) हैं। भगवान शिव को केदारनाथ रूप में पूजा जाता है, जो ध्यान और तपस्या के देवता माने जाते हैं। इस मंदिर में शिव की पूजा की परंपराएं (Worship Traditions) बहुत प्राचीन और अनूठी हैं।

गर्भ गृह और मूर्तियाँ:

गर्भ गृह में भगवान शिव का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग एक वृहद् शिला के रूप में विद्यमान है। गर्भ-गृह के बाहर मां पार्वती जी की पाषाणमूर्ति है। सभामण्डप में पंच पांडव, श्री कृष्ण और मां कुन्ती जी की मूर्तियां हैं। मुख्य द्वार पर गणेश जी और श्री नन्दी जी की पाषाण मूर्तियाँ हैं।

मंदिर की वास्तुकला (Temple Architecture)

केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला भारतीय मंदिर स्थापत्य कला (Indian Temple Architecture) का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर का निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों से किया गया है और इसकी डिजाइन में हिमालयी शैली (Himalayan Style) की झलक मिलती है। इसका ऐतिहासिक महत्व (Historical Significance) भी बहुत बड़ा है, क्योंकि यह सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र बिंदु रहा है।

पौराणिक कथाएं (Mythological Stories)

केदारनाथ से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं (Mythological Stories) हैं जो इसके आध्यात्मिक महत्व को और भी बढ़ाती हैं। एक कथा के अनुसार, महाभारत के युद्ध के बाद पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव से मिलने आए थे। शिव ने उनसे छिपने के लिए भैंस का रूप धारण किया और पृथ्वी में समा गए। जब पांडवों ने भैंस को पकड़ने की कोशिश की, तो उसके शरीर के विभिन्न भाग पांच अलग-अलग स्थानों पर प्रकट हुए, जिन्हें 'पंच केदार' कहा जाता है। केदारनाथ उनमें से एक है।

यात्रा और दर्शन (Pilgrimage and Darshan)

केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा है। यह यात्रा आमतौर पर अप्रैल या मई माह से शुरू होती है और नवंबर तक चलती है। यात्रियों को इस दौरान विशेष दर्शन (Special Darshan) का अवसर मिलता है, जिसमें वे भगवान शिव की विशेष पूजा और आरती में भाग ले सकते हैं।

केदारनाथ के रक्षक:

मुख्य मंदिर से लगभग 200 मीटर पूर्व की ओर केदार क्षेत्र के रक्षक भगवान भैरव जी की पाषाण मूर्ति एक नव्यशिला पर प्रतिष्ठित है।

ज्योतिर्लिंग और पूजा:

श्री केदारनाथ मंदिर में भगवान के ज्योर्तिलिंग की पूजा अर्चना सभी यात्री स्वयं अपने हाथों से स्पर्श करके कर सकते हैं। यात्रियों की सहायता हेतु पूजा कराने के लिए आचार्य वेदपाठी नियुक्त हैं। भगवान की नित्य नियम पूजा हेतु वीरशैव जंगम सम्प्रदाय के पुजारी नियुक्त हैं। श्री केदारनाथ जी की पूजा शैव पद्धति से की जाती है।

केदारनाथ में किस महीने में कम भीड़ होती है? | In which month is Kedarnath less crowded?

हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ धाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर साल लाखों भक्त बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां आते हैं।

लेकिन अत्यधिक भीड़ के चलते इस पवित्र स्थल की शांति और सुकून भंग हो जाता है। ओर इस भीड़ में ज्यादातर लोग बिना श्रद्धा के आते है, जैसे ब्लॉगर, रील बनाने वाले, यूट्यूब चैनल वाले ओर न्यूज वाले आदि, ओर अगर आप भी केदारनाथ की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो भीड़ से बचने के लिए सही समय का चुनाव करना बेहद जरूरी है।

सितंबर और अक्टूबर: यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय

कम भीड़ और अधिक शांति

सितंबर और अक्टूबर के महीने में केदारनाथ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा (आदर्श) समय माना जाता हैं। इस समय, मानसून समाप्त हो चुका होता है और ठंड का मौसम शुरू होने से पहले की स्थिति रहती है। इन महीनों में यात्रियों की संख्या कम होती है जिससे आप शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

मौसम का सौंदर्य

सितंबर और अक्टूबर में केदारनाथ का मौसम बहुत सुहावना होता है। बारिश के बाद की हरियाली और साफ आकाश के बीच हिमालय की बर्फीली चोटियों का नजारा बहुत सुंदर होता है। ठंडी हवाएं और सुहावना मौसम आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा। 

 

केदारनाथ यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी 

  • अगर आप भीड़ के समय नहीं जाना चाहते ही तो, आप यात्रा सुरु के समय ओर यात्रा के आखरी समय में न जाएं । इस समय ज्यादा भीड़ होती है। 
  • केदारनाथ की यात्रा के लिए पहले से बुकिंग करा लें, खासकर पीक सीजन में।
  • मौसम की जानकारी लेते रहें और उसी हिसाब से कपड़े और जरूरी सामान पैक करें।
  • स्थानीय नियमों का पालन करें और पर्यावरण का ध्यान रखें।
  • केदारनाथ तभी आए जब आपकी आस्था हो, क्योंकि तभी आपको बाबा केदार का आशीर्वाद मिलेगा। 
  • उम्मीद है यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

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